Love

Love
Love is a symbol of eternity. It wipes out all sense of time,destroying all memory of a beginning and all fear of an end.

Tuesday, March 2, 2021

हलदात वाली रात को रतिजगा किया जाता है।

• रतजगे में मेहँदी घुलती है। मेहँदी की पांच बिन्दी थापे के पास लगाते हैं। दरवाजे के पास सीधे हाथ की तरफ कोने में जमीन पर एक बताशा रखकर दो बूंद तेल डालते हैं। तेल हर नेग के पहले डालते हैं। लड़के या लड़की के ब्याह में बान से पहले दिन रतजगा करते हैं। दिन में थोड़े से चावल हल्दी डाल कर पीस लेते हैं। फिर उस हल्दी वाले चावल के घोल से थापा घर की बहन-बेटी रखती है। थापे में 7 घेरे बनाए जाते हैं। घेरों पर मेहंदी, रोली व मैदा से बिंदिया लगाते हैं। बहन-बेटी की गोद में गोला व रुपए रखते हैं। थापा रखने वाली का मुँह पूरब की तरफ होना चाहिए। थापे के दोनो कोणों से माला लगाते हैं व बीच में चाँदी का रुपया लगाते हैं। थापे के आगे 4 बर्तन रखते हैं। एक बर्तन में मैदा, बेसन, चावल, साबुत मूंग, सवा-सवा किलो और ढाई किलो रखते हैं। चार साड़ी और ब्लाउज पीस भी रखते हैं जो की दाहिनी को जाती है । 

 • आरती की थाली में आटे का चार मुँह का दीपक, रोली, चावल, राई, मौली रख कर दीपक जला देते हैं। लड़का या लड़की जिसकी शादी होती है उससे मेहँदी का थापा लगवाते हैं। जिसकी शादी हो उसके हाथ में चावल दे कर सभी देवी-देवताओं और पितरों की धोक लगवाई जाती है फिर गीत गाते हैं। 

 • अपने पित्तरों, कुलदेवी तथा देवों से शादी का कार्य अच्छे ढंग से सम्पन्न होने की प्रार्थना करके परिवार के सभी सदस्यों द्वारा धोक लगाई जाती है। घी का दीपक रातभर जलाया जाता है। रतिजगे के गीत गाये जाते हैं। जिसमें महिलाएं मांगलिक गीत गाती हैं। इसी रात लड़के या लड़की के हाथों में मेहंदी रचाई जाती है। किसी के यहाँ घी के हाथ से भी थापा लगाया जाता है। 

 • गीत गाते वक्त एक लोटा पानी भर के रखते हैं। गाने के बाद वो पानी घर के बाहर डाल देते हैं और पीछे मुड़कर नहीं देखते। 

 weddingrituals.blogspot.in

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