Love

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Love is a symbol of eternity. It wipes out all sense of time,destroying all memory of a beginning and all fear of an end.

Monday, March 15, 2021

फॉर सेवल - मां नहीं देखेगी बारात... बारात आने पर

लड़की की मां कभी भी लड़की के लिए आई बारात नहीं देखती, ऐसा रिवाज कई जगहों में देखने को मिलता है. कुछ बड़े-बूढ़ों से कहते है कि कहीं लड़की की खुशियों को मां की ही नजर न लग जाए. कितनी अजीब बात है की मां की ही नज़र बरात को लग जाएगी

द्वाराचार

द्वाराचार में वरपक्ष कन्यापक्ष से मिलता है, ताकि वे दोनों एक-दूसरे को समझ सकें। इस परंपरा का अर्थ है कि पूरे शहर में बारात को घुमाकर लोग यह जान जाएँ कि दूल्हा कैसा है, साथ ही जो बारात आई है वह तयशुदा है।

द्वार रोकना

शादियों में वर-वधू का द्वार सालियाँ व बहनें रोकती हैं। इसके चलते दूल्हे द्वारा उन्हें शगुन दिया जाता है। इसका एक पक्ष ससुराल में बहन द्वारा अपनी भाभी से परिचय करना भी है, जिससे दोनों के बीच अपनत्व की भावना पनप सके।

विवाह कार्यक्रम में द्वार पूजा का भी विशेष मह्तव होता है, जब बारात के साथ पहुंचे दूल्हा का स्वागत सत्कार किया जाता है। दुल्हन की मां दूल्हें का तिलक लगाकर आरती करती हैं और फिर दूल्हे पर फूल-चावल न्यौछावर कर उसे शादी के मंडप तक लाया जाता है। 

·         तोरण

·         नीम झराई

·         रिबन फॉर डोर

तोरण :-

घर के द्वार पर जहाँ वरमाला की रस्म करनी होती है, वहाँ पर चौक पूरकर एक सजी हुई चौकी रख दी जाती है। घर के द्वार के ऊपर तोरण (बाजार में उपलब्ध) टांगा जाता है। सालियाँ नीम की डाली और पानी के लोटे के साथ अपने जीजा का इन्तजार करती हैं, घर की औरतें तोरण और मंगल गीत गाती हैं। दूल्हा चौकी पर खड़ा होकर नीम की डाली को तोरण से छुआता है। साली सात बार नीम झारी करती है, साली को वर की तरफ से नेग मिलता है। आजकल सालियाँ द्वार पर रिब्बन भी कटवाती हैं। इसके बाद कन्या की माँ/भाभी/बहन (जो भी रिवाज हो) तिलक करके मिन्नती है और नारियल रुपया देती है। जवाई के कान या माथे पर चांदी के सिक्के से दही लगाती है। मीठा दही व् पान खिलाती है, सूट पर लगी तनी या क्लिप खोलती है। वर के जीजा/दोस्त वधू पक्ष पर इत्र का छिड़काव करते हैं जिससे मन के साथ-साथ वातावरण भी महक जाता है।

मिलनी की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

·         हार

·         उपहार भेंट

 दुल्हन के माता-पिता, परिवार और मित्रों के साथ तिलक, आरती और मालायें भेंट करते हैं तथा बारात में आये हुए अतिथतियों का आदर सत्कार करते हैं

बारात आने पर:

आरता थाल:  रोली, नमक चावल, राइ, दीपक, पान,  दीपक, १ गोला, मिश्री  और टॉफी, १ लिफाफा फॉर दामाद

दूल्हे के फटके में से पुराना सामान खोल के ये सामान रखना होता है    


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